May 26, 2017The Boy Who Read I learned about the magic of words in school, as ironic as that would be for me. The journey started with stories in the English […]
February 27, 2017Manjari, From Lucknow to London “Love art in yourself, and not yourself in art.” – Konstantin Stanislavski I remember having had a terrible day a few months back. I’m […]
February 9, 2017निदा फ़ाज़ली साहब को याद करते हुए निदा फ़ाज़ली साहब को याद करते हुए, एक लेख जो आज ही के दिन पिछले साल(2016) उनकी वफ़ात पर मुझ से सुधांशु फ़िरदौस ने लिखवाया […]
December 29, 2016मिल जाए काश ऐसा बशर ढूंढते हैं हम अभिषेक की कॉल आई थी कि बहुत वक़्त हो गया है, दद्दा से मिल आते हैं. उनके पाँव में हल्की सूजन भी रहती है तो अपने जानने वाले […]